Wednesday, May 23, 2018

बचपन

#बचपन
आज हम उन पुरानी बातों को सोचते है अपना वो एग्जाम से पहले की रात की टेंशन, 
वो जन्मदिन से एक रात पहले वाली मन ही मन होती प्लानिंग और 
वो रात को चुपके से जाकर फ्रिज से एक बर्फी का टुकड़ा चुपचाप
 मुंह के डाल के वापस लेट जाना।


वो कुल्फी वाले की घंटी सुनते ही छुपाए हुवे सिक्के निकालना,
 वो अपनी नई पेंसिल सबको दिखाना और गलती पकड़े जाने पर वो मासूमियत भरा चेहरा।


सबका बचपन अलग अलग रहा है, पर अभी भी खुद को बड़ा मत होने दो जाने अनजाने
 आपके अंदर का वो बच्चा बाहर आ ही जाता है मानों या ना मानो.....


क्यों अक्सर बारिश देखते ही हाथ फैला के बूंदे महसूस करने को मन करता है, पार्क में लगे झूले.. 
कुल्फी और चाट के ठेले आज भी देख के मन खुश हो जाता है,
जब कोई फुटबॉल आपके पास आता है तो अपनेआप पाव शॉट लगाने को उतारू हो जाता है।


वो जो हस्सी खुद की पुरानी फोटो को देखकर निकलती है,
 वो जो शर्त किसकी राइटिंग जायदा अच्छी स्कूल में लगाई थी .... 
वो जो बोर्ड्स रिजल्ट के दिन आधी जान गले तक आयी थी।


बड़े जो अब हो गए है इस आगे बढ़ने की दौड़ में खो गए है,
अब इंक्रीमेंट की चिंता है और परफॉर्मेंस का भार है... 
अब तो दिन का भी फर्क नहीं पड़ता मंगल है या रविवार है।


पर ये इतनी तहजीब लेकर कहा जाओगे क्या अपने
 बच्चो को भी बस कॉम्पिटिशन और सर्वाइवल ही सिखाओगे, 
खुद के अंदर के बच्चे को जो मार के बैठे हो....
 बाहर निकालो न यार जो भी ख्वाहिश दिल में समेटे हो।



लिखने को बहुत है पर बड़े मशरूफ है आजकल के लोग, 
घड़ी सबके पास है बस वक़्त नहीं एक यही है रोग...


जो यहां तक पहुंचे  उनका ध्यनवाद बाकी
#लेखक फर्जी जनहित में अर्जी


#mani 

Wednesday, May 2, 2018

#जिंदगी

प्रयास कुछ बेहतर के लिए..... सबको खुश रहने का हक़ है,अपने दिल की कहने का हक़ है... बस इसी सोच को बढावा देने का ये प्रयास है.


#जिंदगी
जिंदगी में कई लोगों के लिए पैसा बहुत अहमियत रखता है कई तरक्की के पीछे भागते है पर
आखिर में एक सवाल उनसे पूछे कोई क्या वो सच मे खुश है ??मैंने कभी क्लास में फस्र्ट आने का नहीं सोचा पर कभी लास्ट भी नहीं रहा पर हाँ बहुत से कांड किये है जो आज भी यादों की तिज़ोरी मे महफूज़ है,मार भी खायी है मुर्गा भी बने प्रिंसिपल ने घरवालों को भी बुलाया।

जब हम स्कूल में होते है तो मार्क्स का डर फोर बोर्ड्स कॉलेज जॉब शादी सैटल लाइफ बस उम्र के साथ डर भी बढ़ता रहता है और आखिर में क्या होता है 'राम राम सत्य' बस यही सचाई है।आज जो पल है वहीं है कल क्या होगा किसे पता मैं कल को लेकर बुरा सोचने को नहीँ कह रहा पर कल के खाने का सोच के आज का खाना छोड़ दो ये कहा कि समझदारी है ??


जिंदगी बहुत से रंगों से जुड़ी है कभी अच्छी कभी बुरी सबके साथ है पर चलते रहने में जो मज़ा है वो किसी एक मोड़ पर ठहरने वाला नहीं समझेगा।
पैसे कमाओ पर ख़ुद को इतना मत ख़र्च करो के खोटा सिक्का हो जाओ और हर लम्हे को जियो क्योंकि कल कभी काश न हो।सबको अपनी अपनी दिक्कतें है पर आखिर में जिसके पास दिल की भड़ास निकल सको वो चार यार हमेशा रखना, क्योंकि तन्खा तो धीरे धीरे बढ़ ही जयेगी पर उम्र का सोचो जो बढ़ती जा रही है।
अपने अंदर का बच्चा मत मरने देना कभी...........

आजकल हर जगह लोगों के मन मे सवाल है के क्या हो रहा है चारो तरफ लड़ाई रेप खून वगैरा वगैरा पर आप किसी और की नज़रों से क्यों देखते हो दुनियां को??
अपने आसपास देखो बहुत से हँसते चहरे दिखेंगे, कभी किसी बच्ची को देख मासूमियत के इलावा कुछ आया है मन मे जब कोई बच्चा तुम्हे देख मुस्काने लगे तो चेहरा खिल उठता है।
तुम अकेले नहीं हो बहुत से तुमहारे जैसे भी है जो अच्छे होने का नाटक नही करते सच मे अच्छे है,माना कोई इतना अच्छा भी नही होता के कोई गलती न करे पर कोई इतना बुरा भी नही होता के उसे नफ़रत की नज़रों से देखने लगो।

धर्म जात ये सब स्कूल में नही सिखया गया था मुझे नहीँ फ़र्क पड़ता था कि मैं सलमान के साथ खा रहा हू या सोनू के साथ।दुनिया मे जितनी बुराई tv ओर अखबारों में दिखाई जा रही है वो पूरा सच नही है हम क्यों कुछ भी बिना सोचें समझे मान लेते है,किसी घटना पर दो बात बोल के दिल हल्का करना आसान है पर अपने आसपास की अच्छाई देखना उतना ही मुश्किल।


इच्छाओं की लिस्ट सैलरी स्लीप से ज़्यादा है माना पर इसका मतलब ये नहीं के हम अपने काम से नफ़रत करने लगे,जिनके पास काम नही उनसे पूछो??जितने अपने है उनके साथ वक़्त बिताओ खूब यादें बनाओ कल को बैंक की पासबुक तो प्रिंट हो जयेगी पर यादों की किताब कोरी रह जयेगी।

लोग कल भी यही थे आज भी यही है पर कल का क्या पता ?? तो आगे काश न कहना पड़े इसलिए आज में जियो।ज़रूरी नहीं के आपके efforts हमेशा कामयाब हो पर इसका मतलब ये तो नहीं न के आप क़ाबिल नहीं,हर बोल पर तो धोनी भी छक्का नही मरता यार।


तो बस यही कहूँगा जो आँखों से देखो उसपर यकीन करो जो महसूस हो वही सच है,बाकी सब मोह माया है क्योंकि मैंने हरी की जगह लाल चटनी भी खाई पर कृपा फिर भी नहीं आयी।
जनहित में अर्जी बाकी आपकी मर्जी
#mani

Saturday, March 31, 2018

काला

#काला
क्यों नफ़रत है काले रंग से जब पूजते श्याम और काली को,शादी के लिए रंग चाइए गोरा भले क्यों न दिल से खाली हो।

आंखो में काजल लगा के यू जो इतराते हो,नज़र से बचाने के लिए काला टीका क्यों लगाते हो??

काला धागा बांध के जो बेखौफ यू हो जाते हो,क्यों काले कवो को बुला के खाना खिलाते हो।

गोरे मुखड़े पर काले तिल की तारीफ़ किए थकते नहीं,और कोई काली बिली रास्ता काट जाए तो उसे आगे बढते नहीं।

इतना जो मन में संकोच लिए बैठे हो क्यों अपने कंधो पर अंधविश्वास का बोझ लिए बैठे हो।

रंग के जंजाल में कबतक रहोगे इस हाल में, सबको राख होना है एक दिन मत करो गुरूर इस खाल पे।

#mani

Friday, March 9, 2018

Parmotion of life

#तरक्की
कभी सोचता हूँ अकेले मैं बैठे कभी के क्या जिंदगी में तूने कमाया है,
जवाब एक ही मिलता है थोड़ा पाने के लिए तूने बहुत कुछ गवाया है।

न सुकून मिला न खुशि पर फ़िक्र ने उम्र भर साथ निभाया है,
किसे सुनाये अपनी हमने तो दूसरों की हस्सी के लिए खुद को सताया है।

न आंसू बचे न मुस्कान रही होंटो पर वक़्त किसका हुवा,
बड़ी देर लगी समझने में के गया समय कभी लौट के नहीं आया है।

कुछ चन्द पैसों के लिए मैंने कई अनमोल लम्हें खोये है,
सबकों हस्सी देकर अक्सर हम अकेले में खूब रोये है।

आगे बढ़ने के लिए असली खुद को कही दूर पीछे छोड़ आया हूँ,
अब तो दिखावे की दुनीया है जो पसंद है वहीँ लाया हूँ।

सबको वो सुनाया जो वो सुनना चाहते रहे,
अक्सर कुछ अपनों के लिए हम कुछ अपने गवाते रहे।

तरक्की इतनी हुई के अब अपने अंदर के बच्चे को मारके हम बड़े हो गए, 
मासूमियत का गाला दबा के चालाकी संग दोस्ती करके अपने पैरों पर खड़े हो गए।

:= मनीष पुंडीर

Monday, February 26, 2018

फ़ुरसत

#फुरसत
बड़ी मशरूफ है जिंदगी अब उसे मेरे लिए फुरसत नहीं मिलती, 
पहले जो ख़्याल से भी खुश थे अब तो यादों से भी राहत नहीं मिलती।

ना जाने कितने मन मारे हमने भी कुछ जिम्मेदारियों की यारी में, 
कट रही है अपनी भी आधी कमाने में बाकी उधारी में।

कभी बहाने लगा कर ख्वाहिशों को फुसला लिया,
तो कभी वक़्त का बता के दिल को समझा लिया।

सही मौके के चक्कर में मौके खोता गया,
दुनियादारी की दौड़ में मै भी समझदार होता गया।

कुछ को शिकायतें है तो कुछ मलाल लिए बैठे है,
 बहुत थे अरमान मेरे भी कुछ मान गए कुछ अभी भी ऐठे है।
:=मनीष पुंडीर

Tuesday, February 13, 2018

Valentine special | chacha-bhatija | Jai bolenath







#जय_उत्तराखंड


प्यार का कोई दिन नहीं होता।

 तो लो जी आ  गयी नयी वीडियो।।।


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बाकि ख्याल रखो ख़ुश रहो


#जय_भोलेनाथ





 प्रयास कुछ बेहतर के लिए.....
सबको खुश रहने का हक़ है,अपने दिल की कहने का हक़ है... बस इसी सोच को बढावा देने का ये प्रयास है.

Monday, January 29, 2018

#दो_पल

#दो_पल
मिले दो पल फूसरत के तो मिलू बिछड़े यारों से, 
मिले दो पल की मोहलत तो हिसाब हो अधूरे वादों से।  

मिले दो पल वो बचपन के तो फिर बीफिक्र हो जाऊ मैं,
मिले दो पल वो मां का आंचल फिर चेन से सो जाऊं मैं।

मिले जो दो पल वो सुकून के तो पापा संग साइकिल की सैर हो,
आए फिर वो रविवार जब आंख खुले तो दुपहर हो।

मिले दो पल उस मुलाकात के जब अधूरी बाते पूरी हो,
मिले दो पल ऐसे भी जब कोई ना मजबूरी हो।

मिले दो पल वो मन की करू ना समझाना पड़े जमाने को,
मिले दो पल मुझे खुशी बिना परेशा किए किसी बहाने को।


इन्हीं दो पल के इंतज़ार में जिंदगी खर्च हो रही है, 
उम्मीद जागी हुई है बस किस्मत सो रही है।

#mani

तीन बहनों का एक भाई

                 मैं  तीन बहनों का एक भाई था और वो भी उनसे बड़ा, बचपन से ही उनकी परवाह करता रहा मां ने सिखाया था। मेरा बचपन थे वो अभी हाल ही...