#दो_पल
मिले दो पल फूसरत के तो मिलू बिछड़े यारों से,
मिले दो पल की मोहलत तो हिसाब हो अधूरे वादों से।
मिले दो पल वो बचपन के तो फिर बीफिक्र हो जाऊ मैं,
मिले दो पल वो मां का आंचल फिर चेन से सो जाऊं मैं।
मिले जो दो पल वो सुकून के तो पापा संग साइकिल की सैर हो,
आए फिर वो रविवार जब आंख खुले तो दुपहर हो।
मिले दो पल उस मुलाकात के जब अधूरी बाते पूरी हो,
मिले दो पल ऐसे भी जब कोई ना मजबूरी हो।
मिले दो पल वो मन की करू ना समझाना पड़े जमाने को,
मिले दो पल मुझे खुशी बिना परेशा किए किसी बहाने को।
इन्हीं दो पल के इंतज़ार में जिंदगी खर्च हो रही है,
उम्मीद जागी हुई है बस किस्मत सो रही है।
#mani