प्रयास कुछ बेहतर के लिए.....
सबको खुश रहने का हक़ है,अपने दिल की कहने का हक़ है...
कैसे आधे मन से तुझे जीलूँ जब आजतक आधा-अधूरा कुछ किया नहीं,
कैसे आधे मन से तुझे जीलूँ जब आजतक आधा-अधूरा कुछ किया नहीं,
सब तो पता है तुझे क्यों चुकाऊँ कोई भी बोझ जब मैंने तुझसे उधार कुछ लिया नहीँ।
बहुत लंबी list है तुझसे हिसाब बाद का रहा अभी वो बेफिक्री वाली हँसी ढूंढना बाकि है,
दो पल ख़र्च करलू ख्वाइशों पर ये तमीज़-तहज़ीब दिखाने को अभी उम्र बाकि हैं।
कुछ यादों से धूल हटानी बाकि है तो कुछ मन के संदूकों में आग लगानी बाकि है,
वो कागज़ की कश्ती,वो बर्फ की चुस्की इस तन्खा परसत शरीर को अभी बचपन याद दिलाना बाकि है।
कुछ पास है उन्हें ख़ास बनाना बाकि है कुछ तमन्नाएं बाग़ी उन्हें अयना दिखाना बाकि है,
रोज़ कब्बडी खेलते है दिल और दिमाग सही-गलत के अखाड़े में अभी किसी एक को चित कराना बाकी है।
#Mani
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