प्रयास कुछ बेहतर के लिए.....
सबको खुश रहने का हक़ है,अपने दिल की कहने का हक़ है...
#समझ
मैं पसंद तो सबकी हूँ पर मौका पड़ने पर,
मैं पसंद तो सबकी हूँ पर मौका पड़ने पर,
क़ाबिल भी समझा जाता हूँ कभी कभी दूसरों का काम करने पर।
अपने मतलब के हिसाब से मुझे पहचानते चले गए,
कुछ कामयाब निकले कुछ मुझे हारते चले गए।
बड़ी शिद्दत से निभाया मैंने हर किरदार जिसने मुझे जो दिया,
पर आखिर में वो आगे बढ़ गए मुझे मेरी कामिया गिना कर।
पर आखिर में वो आगे बढ़ गए मुझे मेरी कामिया गिना कर।
अजीब दौड़ है औकात को हैसीयत में बदलने की,
तर्रकी के लिये कुछ भी कर गुज़रने की।
अब कहा कोई गर्मियों की छुट्टियों में गांव जाते है,
जिस दिन जयदा गर्मी लगी जनाब उस दिन स्वीमिंग पुल हो आते है।
दो वक़्त की रोटी के चक्कर में इतनी मसगुल हो गयी ज़िंदगी,
के याद नहीं के आख़री बार फ़ुरसत से खुद से रु-ब-रु कब हुवे थे।
वज़ूद कुछ ऐसा हो गया है के अपने शिकायत रखते है और पराये जलन करते है,
हम अभी भी नादान है पता नहीं लोग कैसे अच्छे- बुरे की समझ रखते है।
:-मनीष पुंडीर
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