प्रयास कुछ बेहतर के लिए.....
सबको खुश रहने का हक़ है,अपने दिल की कहने का हक़ है... बस इसी सोच को बढावा देने का ये प्रयास है.
सब बिकता है यहाँ तरीकों से..
मैंने देखा है मिट्टी को बिकते तवा बनकर,
अब तो हवा भी बेचते लोग ग़ुब्बारे में भरकर।
जिंदा रहकर किसी ने न पूछा मरने के बाद हर एक शोक जताने आया है,
फ़ितरत बदलते देखा है मैंने जिनके लिए ज़हर थी कभी
आज उसी ने दारु को दवा बताया है।
मैंने दुनियां में शादी के नाम पर लड़का बेचते देखा है,
कामयाबी जुवे जैसी हो गई है
जीतेगा वहीँ जिसने ज्यादा पैसा फेका है।
काबलियत की कीमत कम हो चली है अब तो मार्केट में रेफरेंस चलता है,
आग तो यूँही बदनाम है आजकल आदमी तो एक दूसरे का पैसा देख के जलता है।
अपनों की खुशियों के लिए हर कोई रोज़ ख़ुद को थोड़ा थोड़ा खर्ज़ कर रहा है,
कभी बचपन तो कभी जवानी बेच के यूँही वक़्त गुजर रहा है।
:- मनीष पुंडीर
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सब_बिकता_है
हर चीज़ बिकती है आजकल हवा और पानी भी,
पढ़ाई बिकती स्कूलों में और सपने बिकते मजबूरियों में।।सब बिकता है यहाँ तरीकों से..
मैंने देखा है मिट्टी को बिकते तवा बनकर,
अब तो हवा भी बेचते लोग ग़ुब्बारे में भरकर।
जिंदा रहकर किसी ने न पूछा मरने के बाद हर एक शोक जताने आया है,
फ़ितरत बदलते देखा है मैंने जिनके लिए ज़हर थी कभी
आज उसी ने दारु को दवा बताया है।
मैंने दुनियां में शादी के नाम पर लड़का बेचते देखा है,
कामयाबी जुवे जैसी हो गई है
जीतेगा वहीँ जिसने ज्यादा पैसा फेका है।
काबलियत की कीमत कम हो चली है अब तो मार्केट में रेफरेंस चलता है,
आग तो यूँही बदनाम है आजकल आदमी तो एक दूसरे का पैसा देख के जलता है।
अपनों की खुशियों के लिए हर कोई रोज़ ख़ुद को थोड़ा थोड़ा खर्ज़ कर रहा है,
कभी बचपन तो कभी जवानी बेच के यूँही वक़्त गुजर रहा है।
:- मनीष पुंडीर
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