Sunday, July 26, 2020

आभार देते रहिए.....



                               ये एक बहुत चिंता का विषय है आजकल लोगों के अंदर एक दूसरे के लिए आभार ख़तम होता जा रहा है,लोग चीजों को बड़े सरल तरीके से नजरअंदाज करने में लगे है।इसे थोड़ा और सरल शब्दों में समझते है आज के बच्चो को उनकी कोई ज़िद पूरी ना होने पर अक्सर ये कहते सुना है के पाल नहीं सकते तो पैदा क्यों किया ??? अब इस बात का क्या तर्क दे आप बताइए। 

                             जैसा मै हमेशा से कहता आया हूं कुछ लोगो को जो आसानी से मिल गया है वो उन्हें लगता है के ये तो सबके पास होता है पर ऐसा नहीं है,आप दूसरों से जैसे बात करते हो वो आपकी परवरिश दर्शाता है। आप दूसरों से बर्ताव वैसा ही करे जैसा आप चाहते है लोग आपसे करे,आजकल लोग एडवांस तो होना चाहते है पर व्यवहार नहीं रहा लोगों मे,हर जगह नफ़ा-नुकसान मे तोला जाएगा आपको..  ये तो सुना ही होगा आपने के कामयाब लोगों के खास सभी होना चाहते है। 

                              दिखावे का बाजार जोरों पर है आजकल हर रिश्ते के लिए कोई न कोई दिन निकाल दिया है मदर्सडे,डॉटर दे ..लिस्ट बहुत लंबी है वैसे आप तक तो सब पहुच ही जाते है कभी व्हतसप पर तो कभी किसी की इंस्टा स्टोरी पर, वैसे मुझे इस हर दिन के  लिए "डे" वाले कल्चर से कोई दिक्कत नहीं है पर हमारे बीच ही एक बहुत बड़ा वर्ग ऐसा भी है जो इन्ही दिनों मे एक पोस्ट डाल के सोचते है हो गया उनका। हर दिन खास होता है उनके लिए जिनके लिए आप खास हो ओर उनके साथ हो ,किसका साथ कब खत्म हो जाए किसी को नहीं पता और बस आप आखिर मे बस काश कहते रह पाओगे ये "काश" बहुत चुबता है बाद मे याद रखना। 

                     हर सुबह आभार दो उस ऊपर वाले का जिसने जीने के लिए आपको एक और दिन दिया, जो भूक मे एक रोटी और प्यास मे पानी देदे उसका भी शुक्रिया कीजिए फिर चाहे वो घर मे मा के हाथ का खाना हो या दोस्त के टिफन से छिन के खाया गया पराठा।उन चुनिदा लोगों का भी धन्यवाद करिए जो आपकी खुसी मे भले ही गायब थे पर मुसीबत मे हर वक़्त साथ है और वो आपको कोई सही गलत - फायदा- नुकसान के तराजू मे नहीं तोलते, जो असल मे आपकी तरक्की की दुवा करते है.. पैसे कमाना आसान है पर लोग कमाना बहुत मुश्किल। 

                    सही वक़्त कुछ नहीं होता जो है आज है अभी है और ये आज चला गया तो लौट के नहीं आता,
अपना और अपनों का ख्याल रखो कौन कबतक साथ है ये कोई नहीं जानता तो मस्तमौला रहिए। परेशानी आती जाती रहेगी.. कभी कुछ पाओगे कभी कुछ खो भी जाओगे.. कभी कुछ के लिए तरसोगे तो कभी सब कुछ होकर भी सुकून नहीं होगा , ये सब इंसानी फितरत का हिस्सा है हमारी जरूरते तो पूरी हो जाती है पर इच्छा कभी पूरी नहीं होती। तो हर उस चीज का आभार रखना जो आपके पास है 


:- 🖋 मनीष पुंडीर 



2 comments:

Heena khan said...

Very nice salute this blog 👍👍👌👌👌👏👏😊😊

Danish said...

bhut khoob sir

बात करने से ही बात बनेगी...

          लोग आजकल ख़ुद को दूसरों के सामने अपनी बात रखने में बड़ा असहज महसूस करते है। ये सुनने और अपनी बात तरीके से कहने की कला अब लोगों में...