Monday, October 16, 2017

प्रयास कुछ बेहतर के लिए..... सबको खुश रहने का हक़ है,अपने दिल की कहने का हक़ है... बस इसी सोच को बढावा देने का ये प्रयास है.


उनके लिए
जो काम के लिए #माँ
से दूर है

खुद में रखा मुझको इस दुनियां में लाने को,
तेरे लिए लाखों में एक हु चाहे लाख बुरा मै जमाने को।

तू न होता तो मेरी परवाह करता कौन ??,
मेरी शरारतों और मेरी ज़िद के लिए पापा से लड़ता कौन ??

माँ वक़्त तुझे मै दे पाता नहीं,
प्यार तो बहुत है पर मेको जताना आता नहीं।

बचपन में चोट मुझे जो यूंही लग जाती थी,
मै तेरी गोद में सो जाता था पर सारी रात तू जागती थी।

मेरी पसन्द का मुझसे ज़्यादा तुम्हें ख्याल था,
अब दूर हूँ पर परवाह आज भी है जब भी फ़ोन आया
"खाना खाया" ?? हर बार यही सवाल था।

आपने मुझे चलना सिखाया खुद की ख्वाइशों से
पहले मेरी चाहतों का आपको ख्याल आया,
मै नादान अभी तक समझ न पाया प्यार तो बहुत है
 आपसे न जताना आया न बताना आया।

होंगे किसी के राम किसी का अल्लहा मालिक,
मेरे लिए तू मेरी आँखों के सामने तू ही मेरा भगवान।

याद आता है जब खाना मेरी पसन्द का न हो तो मै खाता नहीं था,
आज अपने हाथो की खिचड़ी से भी रात गुज़र जाती है
तब माँ सच में तेरी याद बहुत आती है।

आता हूँ जब छुटियों में घर तो मेरी पसन्द का सब आप बनाते हो,
बड़ा सुकून मिलता है जब वापस लौटते वक़्त मुझे गले से लगाते हो।

 
#mani

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