#lub_u_जिंदगी
खुश हूँ अपनी हैसीयत से जो भी कमाया जिंदगी में सब सचा मिला,
खुश हूँ अपनी हैसीयत से जो भी कमाया जिंदगी में सब सचा मिला,
हिसाब हमेशा बराबर रखा कुछ के साथ पक गया कुछ को मैं कच्चा मिला।
न आँसुओ की गिनती की न हँसी का हिसाब रखा,
जो भी मिला उसे गले लगया अपनी आँखों में हमेशा दूसरों का ख़्वाब रखा।
कुछ अपने है जिनकी चिंता है कुछ का मलाल है जो अपने न हो सके,
कुछ दोस्त है जिनकी वजह से होटो पर हँसी है तलाश एक कंधे की जिसपे हम रो सके।
कइयो का कर्ज़दार हूं ....तो कई लोंगो पर कुछ लमहों का उधार बाकि है,
कुछ तक़दीर से आज भी साथ है कुछ की तस्वीरों संग याद बाकि है।
मसरूफ़ ज़माने में दो-चार हमे भी पहचानते है सुकून होता है इस बात का,
दुनियादारी सीखा गए कुछ वरना यहाँ तो रुतबा है औकात का।
पता नहीं कौन सी प्रतियोगिता है कामयाबी का हिसाब अब यहाँ तनख्वा से तेय होता है,
जिसके पास थोड़ा है उसके पास सपने है जिसके पास जेयादा है वो सुकून को रोता हैं।
दो वक़्त की रोटी के चक्कर में वक़्त भूल के काम कर रहे है कुछ भूख से तो कुछ ज़्यादा खा के मर रहे है,
फिर भी #lub_u_जिंदगी क्योंकि तुझे बेहतर बनाने के लिए हम आज भी ख़ुद से लड़ रहे है।
#mani