#कड़वी_सच्चाई
रंगत इस जमाने की बताऊ क्या, हर रिश्ते में बंदिशे है जताऊ क्या ??
कोई कह कर खुश् है..कोई चुप रह कर,
किसी को राम नाम में आराम है,
किसी को राधा का दर्ज़ा मिला कोई मीरा बन बदनाम है।
किसी को राधा का दर्ज़ा मिला कोई मीरा बन बदनाम है।
कदर यहाँ अब की है तब का कोई हिसाब रखता नहीं,
गिरगिट तो खाली बैठे है इंसान ही अब रंग बदलने से रुकता नहीं।
गिरगिट तो खाली बैठे है इंसान ही अब रंग बदलने से रुकता नहीं।
आज साथ में हो तो तू ही यार ही कल का किया सब बेकार है,
रिश्तों का क्या कहे अब नफ़ा-नुकसान का कारोबार है।
रिश्तों का क्या कहे अब नफ़ा-नुकसान का कारोबार है।
रोया तो अकेला था कामयाबी में न जाने भीड़ कहा से आ गयी,
सच्चा था तो किसी ने न पूछा पर बदला तो मेरी मकारी सबको भा गयी।
सच्चा था तो किसी ने न पूछा पर बदला तो मेरी मकारी सबको भा गयी।
सच से सबको अब चीड़ है झूठ सुनके सब यहाँ सुकून पाते है,
ग़लती यहाँ सबको नज़र आती है पर खुद को बदलना कोई चाहता नहीं।
ग़लती यहाँ सबको नज़र आती है पर खुद को बदलना कोई चाहता नहीं।
#मनीष पुंडीर
No comments:
Post a Comment