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बात करने से ही बात बनेगी...
लोग आजकल ख़ुद को दूसरों के सामने अपनी बात रखने में बड़ा असहज महसूस करते है। ये सुनने और अपनी बात तरीके से कहने की कला अब लोगों में...
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मैं तीन बहनों का एक भाई था और वो भी उनसे बड़ा, बचपन से ही उनकी परवाह करता रहा मां ने सिखाया था। मेरा बचपन थे वो अभी हाल ही...
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हम इंसान हमेशा और अच्छे या ज्यादा की ख़ोज में अपने ही ख्यालों को उम्मीदों की खाद देते रहते है। पर देखा जाए है तो ये एक चक्र ही मैं अपने अनुभ...
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ये दुनिया है यहाँ आदमी याद मतलब तक.. सभी है मतलब से यहाँ बस सभी मतलबों के मायने अलग है, कड़वी है बात पर आखरी वक़्त में कोई ना रहता ...
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