प्रयास कुछ बेहतर के लिए..... सबको खुश रहने का हक़ हैं,अपने दिल की कहने का हक़ हैं... बस इसी सोच को बढ़ावा देने का ये प्रयास हैं.
बहुत दिनों बाद लिख रहा हु, इस बीच सब बदल गया हैं। मन स्थिर नहीं था तो इसलिए लिखने को बहुत था पर सही शब्द नहीं समझ आ रहे थे, आज थोड़ा धूप में बैठे थोड़ा दिमाग खुला तो लौट आए फिर से अपनी सुना-ने। आजकल एक चीज आपको सबके पास मिल जाएगी चाहे वो नौकर हो या मालिक बड़ा हो या बच्चा "इंटरनेट" , अब इसे जियो की मेहरबानी भी कह सकते है खैर मैं भी अपना समय उसी पर खराब कर रहा था तो एक विडिओ मे एक बात सुनने को मिली और वो दिल को छु गई।
एक व्यक्ति थे KBC में अपने अनुभवों के बारे में बता रहे थे , उन्होंने एक बात कही के दुख हमेशा तुलना करने से आता हैं। उसी बात को थोड़ा आगे बढ़ा कर आप तक बताने का प्रयास हैं, आजकल ये तो सब जानते हैं की आपको हर बात पर एक तराज़ू में तोला जाता हैं। अब वो बराबरी आपके परिवार वाले आपके साथ करे या आप खुद अपने मन के साथ , शर्मा जी का लड़का इतने मार्क्स लाया... उसके पास वो वाला फोन मेरे पास ये... उसकी जिंदगी तो मौज में कट रही है हमारी ही सही नहीं जा रही और आखिर में सबकी एक ही सोच अपनी तो किस्मत ही खराब हैं।
आपका ये सोचना शायद आपके अंदर ही एक हीन भावना भर दे, आइए इसे एक उदाहरण से समझे आप सबके घर में दूध आता हैं। उसी दूध से घी दही मक्खन खोया पनीर सब बनता हैं पर सबकी बनने की विधि और समय अलग अलग हैं, पर आप ये सोचे की दूसरे के घर में इस दूध से घी बन रहा हैं पर मेरे घर में क्यू नहीं बन रहा ??? तो दोस्त दुख और कमी बाकी जगह नहीं आपके अंदर ही हैं। इसके लिए मैने बहुत पहले दो लाइनें लिखी थी..
"दूसरों के महलों को देख , मैं अपनी झोपड़ी को कोसता रहा..
धूल मेरी आँखों पर थी और मैं आई-ना पोंछता रहा "
तो रिश्ता भाव कोई भी हो ये तुलना करना ही आपके दुख का कारण हैं, सबके अपने अपने सुख दुख हैं अपनी अपनी कहानी हैं। कोई घर की लक्ष्मी तो कोई घर की नौकरानी हैं, कोई महलों में भी अकेला हैं तो कोई अपने मकान की सेठानी हैं । मैं सही वो गलत.. हर बार मैं ही क्यों ?? ये सब सोच रखने से हमेशा आपका ही नुकसान होगा तो अपने जीवन को बेहतर बनाने की कोशिशें में लगे रहे। बाकी समय सबका आता है आपको जो जरूरी लगता है वो नहीं मिलता पर जो आपके लिए जरूरी होता है नसीब आपको वो देता है। तो तुलना करना बंद करे..
धन्यवाद
🖋 मनीष पुंडीर
(पढ़ के अच्छा लगे या बुरे लगे नीचे अपनी राये जरूर दे और दोस्तों के साथ भी शेयर करे ताकि मुझे और बेहतर करने की समझ मिले )
5 comments:
Ap jaisa likhte ho na bhai bs man ni bhrta pdhte pdhte sochta hu khtm hi na ho bs padhta rhu......
धन्यवाद
bht sundar likha h sir ji .....तुलना अच्छा है मगर सिर्फ तब , जब तुलना हुम् अपने आप से करे और हर दिन अपने आप को बीते हुए कल से बेहतर बनाने के प्रयास में रहे
धन्यवाद
Truly fact ke sath likhte ho ap sir
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